आदिवासी कुडमी समाज द्वारा पूरे झारखंड प्रदेश मे रेल टेका, डहर छेका_आंदोलन कार्यक्रम चिन्हित रेलवे स्टेशनों पर आयोजित किया गया था। रमेश कुमार महतो ने कहा कि आंदोलन का मुख्य उद्देश्य कुडमी जनजाति को एसटी सूची में दर्ज करें। कुडमाली भाषा को आठवीं अनुसूची में दर्ज करें। कुडमी जनजाति का हिंदूकरण करना बंद करो। कुडमी जनजाति के देव भूतों के जमीनों पर अतिक्रमण करना बंद करें। कुडमी, कुडमाली और नेगाचारी का विरोध करना बंद करें। कुडमी जनजाति को धार्मिक गुलाम बनाना बंद करें । सीएनटी एक्ट का उल्लंघन करना बंद करें। इन्ही तमाम मुद्दों को लेकर आदिवासी कुडमी समाज द्वारा पूरे झारखंड में शांतिपूर्ण आंदोलन किया गया। इस आंदोलन में सभी दलों के कुडमी भाईयो,बहनो, नवजवान साथियों एवं नेताओं का भरपुर समर्थन मिला। रामगढ़ जिला के बरकाकाना रेलवे स्टेशन को सुबह सात बजे से रात्रि 12 बजे तक रेल टेका, डहर छेका कार्यक्रम शांतिपूर्ण ढंग से किया गया।
अंततः रात्रि 12 बजे निम्न मांगो को लेकर
आपसी सहमति बनी। आदिवासी कुडमी समाज द्वारा दिए गए ज्ञापन को ससमय केंद्र
सरकार तथा राज्य सरकार के सभी संबंधित विभाग तथा मंत्रालय को उपलब्ध करा दिया
जाएगा। आदिवासी कुडमी समाज के प्रतिनिधियों की झारखंड सरकार से वार्ता हेतु जिला
प्रशासन के द्वारा तीन माह में वार्ता किया जाएगा । आदिवासी कुडमी समाज के जो भी
लोग इस दौरान विभिन्न स्थानों में निरुद्ध (Detain ) किए गए हैं, उन्हें
ससम्मान छोड़ दिया जाएगा। इस कार्य को शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न करने के
लिए जिला प्रशासन के द्वारा जनप्रतिनिधियों एवं कुडमी समाज के सभी
उपस्थित लोगों को धन्यवाद दिया गया । प्रदर्शनकारियो पर किसी प्रकार की दंडात्मक
कार्रवाई नही की जाएगी। रेलवे की किसी भी संपत्ति को क्षति नुकसान नहीं किया
गया है। इन तमाम बिंदुओं को लेकर आपसी सहमति बनी। जिसके कारण रेल टेका आंदोलन
समाप्त किया गया!