सरायकेला: बाल विवाह के खिलाफ जन-जागरण अभियान के तहत सरायकेला न्यायालय परिसर में शपथ ग्रहण समारोह आयोजित
झारखंड विधिक सेवा प्राधिकरण (JHALSA), रांची के निर्देशानुसार “बाल विवाह के विरुद्ध शपथ दिवस” के अवसर पर आज सिविल कोर्ट सेराइकेला में एक भव्य शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (DLSA), सेराइकेला-खरसावां के तत्वावधान में तथा माननीय जिला एवं सत्र न्यायाधीश–सह–अध्यक्ष, DLSA सेराइकेला-खरसावां श्री रामाशंकर सिंह के मार्गदर्शन में संपन्न हुआ।
कार्यक्रम में न्यायालय के कई वरीय न्यायिक पदाधिकारी उपस्थित रहे। इनमें शामिल थे—
श्री बीरेश कुमार, प्रधान न्यायाधीश, सेराइकेला
श्री चौधरी अहसान मोइज, जिला एवं अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश–I
श्री ब्रज किशोर पांडे, जिला एवं अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश–II
श्री दीपक मलिक, जिला एवं अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश–III
श्रीमती लूसी सोसेन तिग्गा, मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (CJM) सेराइकेला
श्रीमती अनामिका किस्कू, सिविल न्यायाधीश (सीनियर डिवीजन)-III सह प्रथम वर्ग न्यायिक दंडाधिकारी
श्री तौसिफ मेराज, सचिव, DLSA सेराइकेला
श्री अशिष अग्रवाल, SDJM सेराइकेला
श्रीमती धृति धैर्य, अतिरिक्त सिविल न्यायाधीश (कनिष्ठ div.) सह प्रथम वर्ग न्यायिक दंडाधिकारी
इनके अलावा सिविल कोर्ट सेराइकेला के समस्त तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मी भी उपस्थित रहे। सभी ने सामूहिक रूप से बाल विवाह के उन्मूलन तथा समाज में जागरूकता फैलाने की शपथ ली।
इसी क्रम में उप–न्यायालय, चांडिल में भी समान कार्यक्रम का आयोजन किया गया। चांडिल में यह समारोह श्री एस. एन. सिन्हा, जिला एवं अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश–I के नेतृत्व में आयोजित हुआ। कार्यक्रम में डॉ. रवि प्रकाश तिवारी, ACJM Chandil, तथा श्री अमित खन्ना, SDJM चांडिल सहित अन्य न्यायिक पदाधिकारी उपस्थित रहे और सभी ने बाल विवाह के खिलाफ शपथ ली।
अभियान का उद्देश्य समाज में यह संदेश प्रसारित करना है कि बाल विवाह न केवल एक सामाजिक बुराई है, बल्कि बच्चों के भविष्य, उनके स्वास्थ्य, शिक्षा और सम्मानजनक जीवन के अधिकारों के लिए गंभीर खतरा है। न्यायिक अधिकारियों ने इस अवसर पर कहा कि न्यायपालिका एवं विधिक सेवा प्राधिकरण समाज में जागरूकता बढ़ाने और बाल विवाह जैसी कुप्रथा को समाप्त करने के लिए निरंतर संकल्पित है।
कार्यक्रम के अंत में यह संकल्प दोहराया गया कि जिले में बाल विवाह के खिलाफ कानूनी जागरूकता को और व्यापक बनाया जाएगा तथा समुदाय को सशक्त कर इस कुप्रथा को जड़ से समाप्त करने के लिए निरंतर प्रयास जारी रहेंगे।
