रांची: झारखंड की स्कूली शिक्षा प्रणाली में बड़ा बदलाव आने वाला है। राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि अब आठवीं, नौवीं और 11वीं की मुख्य परीक्षाएं भी मैट्रिक और इंटर की तर्ज पर आयोजित की जाएंगी। इसके लिए नीति निर्धारण की राज्य स्तरीय बैठकों में रूपरेखा तैयार कर दी गई है।
महत्वपूर्ण यह है कि इन परीक्षाओं का आयोजन अब झारखंड एकेडमिक काउंसिल (JAC) द्वारा नहीं बल्कि झारखंड शैक्षणिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (JCERT) द्वारा किया जाएगा। JAC के अनुसार, 2026 से आठवीं और 11वीं की परीक्षाएं OMR शीट पर आयोजित की जाएंगी। परीक्षा पैटर्न मैट्रिक की मुख्य परीक्षाओं जैसा होगा और इसमें केवल वस्तुनिष्ठ प्रश्न नहीं, बल्कि लघु उत्तरीय और दीर्घ उत्तरीय प्रश्न भी शामिल होंगे, ताकि छात्रों की लिखित अभिव्यक्ति और विश्लेषण क्षमता का भी मूल्यांकन हो सके।
शिक्षाविदों का मानना है कि इस नए पैटर्न से स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार आएगा और छात्र उच्च कक्षाओं के लिए बेहतर तैयार होंगे। शिक्षा सचिव उमाशंकर सिंह ने बताया कि नया ढांचा तैयार हो चुका है और जिलों को दिशा-निर्देश भेज दिए गए हैं। परीक्षा संचालन और मूल्यांकन प्रक्रिया को मजबूत करने के लिए नए प्रावधान लागू किए जा रहे हैं।
इधर, 2026 की फरवरी में आयोजित होने वाली मैट्रिक और इंटर परीक्षाओं की तैयारी JAC ने तेज कर दी है। JAC अध्यक्ष डॉ. नटवा हांसदा ने कहा कि परीक्षा केंद्र निर्धारण, सुरक्षा, प्रश्न पत्र वितरण और मूल्यांकन से जुड़ी सभी आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। आठवीं, नौवीं और 11वीं की आगामी परीक्षाओं के संचालन के लिए JCERT को दिशा-निर्देश और आवश्यक डेटा उपलब्ध करा दिया गया है।
शिक्षा जगत इस नए फॉर्मेट को झारखंड में एक बड़ा सुधार मान रहा है। नए पैटर्न से छात्रों में उत्तर लेखन, विश्लेषण क्षमता और मुख्य परीक्षाओं की तैयारी के प्रति गंभीरता बढ़ने की उम्मीद है। साथ ही, स्कूलों को भी अपने शिक्षण ढांचे को नए पैटर्न के अनुरूप अपडेट करने की जिम्मेदारी मिलेगी। राज्यभर के छात्र, अभिभावक और विद्यालय अब 2026 में लागू होने वाली इस नई परीक्षा व्यवस्था का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
