झारखंड राज्य विश्वविद्यालय विधेयक 2025 में टाइगर जयराम महतो के संशोधन प्रस्ताव को सरकार ने अस्वीकृत किया
झारखंड : डुमरी के लोकप्रिय विधायक एवं झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष माननीय टाइगर जयराम महतो द्वारा झारखंड विधानसभा में प्रस्तुत झारखंड राज्य विश्वविद्यालय विधेयक 2025 में एक महत्वपूर्ण संशोधन प्रस्ताव रखा गया था।
महतो ने अपने प्रस्ताव में सुझाव दिया कि विश्वविद्यालयों के प्रति कुलाधिपति के पद पर सरकार के किसी विभागीय मंत्री के बजाय राज्य के किसी अनुभवी शिक्षाविद को नियुक्त किया जाए। उनका तर्क था कि ऐसे शिक्षाविद, जिनका शिक्षा के क्षेत्र में व्यापक अनुभव हो और जो राज्य के मूल निवासी हों, उन्हें यह दायित्व सौंपा जाना चाहिए, ताकि वे राज्य की सामाजिक, शैक्षणिक और सांस्कृतिक विशेषताओं को ध्यान में रखते हुए बेहतर निर्णय ले सकें।
उन्होंने यह भी कहा कि मूल निवासी होने के कारण ऐसे शिक्षाविद राज्य की जमीनी सच्चाइयों से परिचित होंगे और शिक्षा व्यवस्था को राजनीतिक प्रभाव से मुक्त रखने में सक्षम होंगे। उनका उद्देश्य शिक्षा को राजनीतिकरण से बचाकर राज्यहित एवं शिक्षा हित में सकारात्मक सुधार लाना था।
हालांकि, सरकार ने टाइगर जयराम महतो के इस संशोधन प्रस्ताव को खारिज कर दिया। इसे लेकर विधायक महतो ने सवाल उठाया कि आदिवासी और मूलनिवासी समुदायों को प्रतिनिधित्व देने में सरकार को इतनी परेशानी क्यों होती है।
इस मुद्दे की जानकारी झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा पार्टी के मीडिया प्रभारी रमेश कुमार महतो ने साझा की। पार्टी ने सरकार के इस निर्णय को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और इसे राज्य के जनप्रतिनिधित्व व शिक्षा प्रणाली के भविष्य के लिए चिंताजनक करार दिया।