झारखंड के विधायक द्वारा अमर्यादित व्यवहार के खिलाफ JLKM का राज्यव्यापी आक्रोश, चौका मोड़ पर पुतला दहन एवं मशाल जुलूस
झारखंड में आजसू पार्टी के एकमात्र विधायक एवं मांडू विधानसभा से निर्वाचित तिवारी महतो उर्फ निर्मल महतो द्वारा झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा (JLKM) के सर्वोच्च नेता और झारखंड के भविष्य के प्रतीक टाइगर जयराम महतो जी के प्रति अत्यंत अमर्यादित, आपत्तिजनक एवं घिनौने शब्दों का प्रयोग किया गया। यह निंदनीय हरकत न केवल एक सम्मानित जननेता के प्रति अपमान है, बल्कि पूरे झारखंड की जनभावना के विरुद्ध है।
इस शर्मनाक कृत्य के विरोध में JLKM से जुड़े कार्यकर्ताओं, समर्थकों एवं आम जनता द्वारा आज राज्य के कोने-कोने में आक्रोश प्रदर्शन किया गया। प्रत्येक जिला, प्रखंड, और चौक-चौराहे पर JLKM कार्यकर्ताओं ने हाथों में पोस्टर, बैनर एवं मशाल लेकर नारेबाज़ी की और तिवारी महतो के खिलाफ कड़ा विरोध दर्ज कराया।
इसी क्रम में ईचागढ़ विधानसभा के चौका मोड़ पर सैकड़ों कार्यकर्ता एकत्र हुए, जहाँ विधायक तिवारी महतो का पुतला दहन कर प्रतीकात्मक रूप से आक्रोश प्रकट किया गया। प्रदर्शन के पश्चात चौका बाज़ार में मशाल जुलूस निकाला गया, जिसमें बड़ी संख्या में युवाओं, महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों की भागीदारी देखी गई।
इस अवसर पर JLKM के केंद्रीय सचिव **गोपेश महतो** ने मंच से कहा:-
हमारे नेता जयराम महतो जी पर की गई अभद्र टिप्पणियाँ झारखंड के भविष्य पर हमला है। उन्हें दी गई गालियाँ हर उस नौजवान के सपनों पर प्रहार है जो झारखंड को एक शिक्षित, आत्मनिर्भर और स्वाभिमानी राज्य बनते देखना चाहता है। हम तिवारी महतो जैसे नेताओं की इस घटिया राजनीति का पुरज़ोर विरोध करते हैं और माँग करते हैं कि ऐसे जनप्रतिनिधियों के खिलाफ विधानसभा और न्यायालय दोनों स्तर पर कड़ी कार्यवाही हो। JLKM पीछे हटने वाला संगठन नहीं है। जब तक सम्मान की बहाली नहीं होती, यह आंदोलन जारी रहेगा।"
इस जनांदोलन में JLKM के केंद्रीय, ज़िला, प्रखंड एवं ग्राम स्तर के कार्यकर्ता शामिल रहे। उपस्थित प्रमुख लोगों में **कृष्ण महतो, आदित्य महतो, मिराजुल अंसारी, पूर्णशशी महतो, प्रेमचंद महतो, सुरेश महतो, राधे महतो, कमलेश महतो, सरोज महतो, लालमोहन महतो** आदि प्रमुख थे। इसके अलावा आम ग्रामीण जनता की भी भारी भागीदारी रही, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि झारखंड की आत्मा अब अपमान बर्दाश्त नहीं करेगी।
JLKM की यह चेतावनी है कि यदि विधायक तिवारी महतो द्वारा सार्वजनिक माफी नहीं माँगी गई और उनकी सदस्यता पर कोई संज्ञान नहीं लिया गया, तो यह आंदोलन और अधिक उग्र रूप ले सकता है।