मथुरा में आयोजित 'नारी तू नारायणी' कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि बनकर सरायकेला के लेखक-पर्वतारोही गुरुचरण महतो हुए शामिल, मिला 'संस्कार निधि' की उपाधि
नारी शक्तिकरण की दिशा में आगे बढ़ने के लिए जरूरी है कि हमारे परिवार की हर नारी को हम पूरा सम्मान देकर उनको उनकी खुद की एक नई स्वतंत्र पहचान बनाने में मदद करें। आमंत्रित विशिष्ट अतिथि गुरुचरण महतो अपवाद ने बिरसा मुंडा और टाटा बाबा को नमन करते हुए, झारखंडी जोहार के साथ कहा कि आज़ पूरे संसार में आदर्श संस्कारों की आवश्यकता है। जीवन में प्रथम गुरु मां बच्चे को जीवन की हर सीख के साथ संस्कारो से सिंचित करती हैं। और आदर्श संस्कारशाला इस आवश्यकता की बखूबी पूर्ति कर रही है। इस दौरान उन्होंने मां समान जसुमती बुआ के साथ हर उन औरतों का जिक्र भी किया जिन्होंने इनके आदर्श जीवन पथ पर योगदान देकर महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अपने वक्तव्य के अंत में श्री महतो ने मां को नमन शीर्षक से कविता पढ़कर अतिथियों और श्रोताओं दोनों से वाहवाही लूटी। आखिर में उन्होंने झारखंड-मानभूम का विश्व प्रसिद्ध छौ नृत्य के मुखौटे कार्यक्रम संयोजक डॉ दीपक गोस्वामी और संस्था की राष्ट्रीय सह संयोजिका डॉ सुमन गोस्वामी को भेंट स्वरूप दी। वहीं कार्यक्रम उपरांत श्री महतो को आदर्श संस्कारशाला-मथुरा द्वारा 'संस्कार निधि' की उपाधि से विभूषित किया गया। विशिष्ट अतिथि सुमंगला सुमन ने आदर्श संस्कारशाला के कार्य को वर्तमान समय में सबसे महत्वपूर्ण बताया। इन सभी अतिथियों को राधे मां का पट्टा ओढ़ाकर ठाकुर जी की तस्वीर, पंचगव्य की माला और गौमाता का उपहार तथा प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। इस दौरान अन्य अतिथियों जैसे घुमक्कड़ कवि गाफिल स्वामी, राष्ट्रीय लोक दल की सुजाता सिंह और गजेंद्र शर्मा ने भी आदर्श संस्कार शाला के प्रयासों को सराहा। तत्पश्चात् विशिष्ट प्रतिभा पूजन के अंतर्गत संस्था द्वारा विशिष्ट उपलब्धियों के लिए बालिकाओं और महिलाओं को प्रमाण पत्र दिया गया। मंचासीन अतिथियों ने संस्था के कार्यक्रम संयोजक डॉ दीपक गोस्वामी के साथ नारी तू नारायणी अभियान के पोस्टर का अनावरण किया। नारी तू नारायणी अभियान के संबंध में संस्था की राष्ट्रीय सह संयोजिका डॉ सुमन गोस्वामी ने बताया कि यह कार्यक्रम भारत के अंतिम जन परिवार की नारी को समर्पित है। इसमें मनोवैज्ञानिक पद्वति से नारी के कोमल मन और आत्मविश्वास को जागृत कर उनके अंदर छुपी रचनात्मक प्रतिभा को सकारात्मक ऊर्जा के साथ समाज और राष्ट्र सेवा के लिए विकसित करना है। कार्यक्रम का संचालन राष्ट्रवादी चिंतक व साहित्यकार आचार्य नीरज शास्त्री ने किया। श्री राजेन्द्र प्रसाद गोस्वामी ने धन्यवाद ज्ञापन जबकि अतिथियों का स्वागत डॉ दीपक गोस्वामी और डॉ सुमन गोस्वामी ने संयुक्त रुप से किया। राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम की समाप्ति हुई। उक्त कार्यकम में बड़ी संख्या में मातृशक्ति की उपस्थिति रही।